Top 5 businessman/entrepreneur movies in Hindi
Introduction
सोशल मीडिया, पत्रकारिता,और फ़िल्में, हमारे समाज का प्रतिबिंब होती हैं
फिल्मो से हम किसी न किसी तरह से प्रभावित होता है।
और हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड मै हर साल कई दमदार फिल्मे आती ही रहती है. उनमे से कुछ अच्छी होती तो कुछ बहुत ही अच्छी होती है.लेकिन वो फिल्मे जो हमें कुछ सीखा सके ऐसी फिल्मे ना के बराबर होती है.
हमारे देश मै कई लोगो को, भूत वाली फिल्मे अच्छी लगती है तो कुछ को बायोग्राफी टाइप, और जो कुछ लोग बिज़नेस मैन बनना चाहते है तो वो बिज़नेस वाली फिल्मे देखना चाहते है. इसीलिए आज मै आपके लिए उन सभी बिज़नेस वाली फिल्मे लेकर आया हु वो आपको अच्छी भी लगेगी और कुछ सीखा कर भी जाएगी
तो शुरू करते है मै आपको 1 से 5 तक तो मैंने देखि है और मुझे अच्छी लगी है उन्ही के बारे मै बताने जा रहा हु जो आपको बहुत कुछ सिखायगी

No. 1 Baazar
जैसा की मैंने कहा था बॉलीवुड में कुछ ऐसी अच्छी कहानियों भी है। जो हमें बहुत कुछ सीखा सकती है.
ऐसे ही एक फिल्म ‘बाजार‘ जैसे ही सिनेमा घरों में रिलीज हुई वैसे ही इस फ़िल्म की चर्चा हर जगे होने लगी.
इस फिल्म में आपको सैफ अली खान,के साथ साथ कई और बेहतरीन एक्टर जैसे रोहन मेहरा, राधिका आप्टे और चित्रांगदा सिंह भी काफ़ी अहम रोल में नजर आयगे। इस फ़िल्म की कहानी बाकि दूसरी कहानियों से काफी अलग और अच्छी है।
फिल्म में सैफ शेयर मार्केट के बेहतरीन व्यापारी हैं, जिसे घमंड है कि वो शेयर बाजार का किंग है। फिल्म में सैफ अली खान (शकुन कोठारी) और उनकी बीवी (मंदिरा कोठारी) हैं।
शकुन के काम करने का तरीका दुसरो से काफी अलग है, इसलिए उसके साथ के सभी व्यापारी उससे जलते हैं। इस दौरान इलाहाबाद जैसे एक छोटे शहर से बेहतर ट्रेडिंग करने वाले रिजवान अहमद की एंट्री मुंबई में हो जाती है। और इसका सपना एक बार शकुन कोठारी से मिलने और उसके साथ काम करने का होता है।
और फिर रास्ते मै रिजवान की मुलाकात प्रिया से होती है, जो कि एक बहुत बड़ी ट्रेडिंग कंपनी में काम करती है।
और फिर उसके साथ शेयर बाज़ार की घटनाओं का होना एक दिलचस्प कहानी है। फिल्म बेहतर अच्छी है। और फिर आखिरी में कहानी एकदम अलग ही मुकाम तक पहुंच जाती है, जिसके लिए आपको खुद ही पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी।
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No. 2 Scam 1992
क्राइम, खून खबरा, हिंसा,और भी कई तरह की फिल्मो के बीच एक ऐसे फ्रॉड पर आधारिक वेब सीरीज ” स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी “ रिलीज हुई और रिलीज़ होते ही इस फ़िल्म ने पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री पर तहलका मचा दिया ।
इस वेब सीरीज को बॉलीवुड मै काफी अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला है। इस खास वेब सीरीज के पिरे 50-50 मिनट के 9 एपिसोड है। जिसमे हर्षत मेहता नाम के आदमी पर पुरे 500 करोड़ का बैंक फ्रॉड सामने आता है। और बाद मै कहानी की शुरूआत तो इस बैंक फ्रॉड से होती है और भारत के प्रधानमंत्री पर आकर खत्म हो जाती हैं।
ये फ़िल्म तो कई लोगो ने देखी है पर अगर आपने नहीं देखि तो सबसे पहले आप इसे जाकर देखे और याद रहे ये फेमली फ़िल्म नहीं है.
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No. 3 Rocket Singh
रॉकेट सिंह की कहानी देश की सबसे बड़ी समस्या ‘सर्च ऑफ जॉब’ पर बनी हुई है। ये कहानी एक आम भारतीय इंसान की तरह पढ़ाई में कमजोर और एक लोकल चार्मिंग पर्सनैल्टी वाले इंसान पर बनाई गई है ।
रनबीर कपूर यानि रॉकेट सिंह उर्फ हरप्रीत सिंह बेदी अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद ओरो की तरह ही जॉब की तलाश करने लगता है । लेकिन कई सारी जगहों के दरवाजे उसके लिए बंद ही रहे क्योंकि वह एक बहुत ही मिडिल क्लास फैमिली का एक एवरेज मार्क्स लाने वाला लड़का था। अचानक ही उसे रियलाइज होता है. कोई भी कपनी उसे काम सिर्फ उसके रिपोर्ट कार्ड के मार्क्स की वजह से ही नहीं दे रही है.
इतना रियलाइज होते ही उसे भविष्य की अपनी दिशा मिल जाती है। फिर हरप्रीत बनता है रॉकेट सिंह।
फिर रॉकेट अपने लिए एक सेल्समैन का जॉब ढूंढ लेता है। उसका फनी अंदाज और लोगों का दिल जीतने की कला उसके जॉब से काफ़ी मैच करता है।
लेकिन कई बार ऑफिस मै उसे अच्छा नहीं लगता है लोग उसका मज़ाक बताते थे और चिढ़ाते भी थे फिर वो अपनी ही एक sales कंपनी शुरू कर लेता और बाकि तो आपको फ़िल्म मै ही पता चलेगा.
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No. 4 Vip. 2
शेर की पूंछ बनने की बजाए मैं बिल्ली का मुँह बनना पसंद करूंगा।’ इस बेहतरीन डायलॉग की तरह ही पूरी फ़िल्म बेहतरीन है.इस फिल्म में एक successful कंस्ट्रक्शन कंपनी की मालकिन ” वसुंधरा यानी ” काजोल है.
और धनुष ने काजोल की दी हुई जॉब ऑफर हमारे हीरो धनुष ऐसे ठुकराइ की पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री हिल गई.
साल 2011 में सबके फोन पर धूम मचाने वाला गाना ‘कोलावेरी डी’ तो आपको याद होगा ही। धनुष ने इसे गाया तो था ही साथ मै इसे लिखा भी इन्ही ने था।
और खास बात तो ये है की इस फिल्म की कहानी भी और स्क्रीनप्ले धनुष ने ही लिखी है।
इस फ़िल्म मै धनुष एक बहुत ही अच्छे इंजीनियर है और वो अपनी खुद की एक कंस्ट्रक्शन कपनी खोलना चाहते थे. इसीलिए उन्होंने काजोल की दी हुई जॉब छोड़ दी. फिर काजोल को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने ये ठान ली की अब धनुष को अपनी कपनी मै कभी नहीं खोलने दूंगी.
इस फ़िल्म को देखने पर आपको बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि इसमें धनुष कुछ अपने खास अंदाज़ मै कॉमेडी भी करने वाले है. और काजोल का गुस्सा तो आप समझ ही सकते है. दोनों एक्टर ही बेहत दमदार है और फिर बाद मै ये दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन जाते है
मुझे उम्मीद है की आप इस फ़िल्म से बहुत कुछ सिखने वाले है तो इसे आप जरूर देख सकते है. और हा ये एक फैमिली फ़िल्म है.

No. 5 Badmash company
शाहिद कपूर, अनुष्का शर्मा, मयांग चांग और वीर दास – जो लंबे समय से चली आ रही चीजों का आयात व्यवसाय शुरू करने के लिए एक साथ आए थे। यूपीआई भारतीयों द्वारा! कुछ भी “आयातित” अच्छा था, और सब कुछ भारतीय कुछ पुराने ढंग का था। बदमाश कंपनी की फिल्म की समीक्षा … करण (शाहिद कपूर), 21, जीनियस, एक मध्यम वर्ग का लड़का, लाखों सपने देखने के साथ … तेज़! एक दिन उसका ‘सुंदर दिमाग’ सोचता है
कि यह सब प्राप्त करने के लिए “बड़ा विचार” है! बुलबुल (अनुष्का शर्मा) एक खूबसूरत और उग्र छोटे शहर की लड़की है, जिसे सपने के बड़े शहर, बॉम्बे में बनाने की भूख है। मॉडलिंग की दुनिया के धीमे पक्ष के साथ एक मुठभेड़ ने उसे अपने बड़े सपने को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया … जब तक वह करण से मिलती है, जिसके साथ वह एक बड़ा सपना साझा करती है और उससे अपना दिल हार जाती है। चंदू (वीर दास) एक शाश्वत वन्नैब अभिनेता है, जो फिल्मों में इसे एक अग्रणी व्यक्ति के रूप में बनाने के अपने जुनून में ईमानदार है, लेकिन उसके कड़वे और हावी पिता के पास इसका कोई नहीं होगा।
करण के पास चंदू को बड़ा बनाने का एकमात्र मौका है। ज़िंग (मेयांग चांग) सिक्किम के औसत लड़के की तुलना में चिंकी आँखों वाला लड़का अधिक है। उनका जीवन कहीं नहीं चल रहा है और उनके सपने पूरे हो रहे हैं, जब तक कि वह करण से नहीं मिलते, जिनके पास एक बड़ा सपना है! करण और उसके 3 दोस्तों ने सभी गलत कामों को सही तरीके से अंजाम दिया।
उनकी “बदमाश कंपनी” शहर में सबसे कम उम्र के करोड़पतियों को चौका देती है और वे अपने सपने को जीने लगते हैं! लेकिन दोस्ती और पैसा असहज कर देता है। इस करण के घातक दोष में जोड़ें – उसका अहंकार। अपने प्रेम और मित्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए करण अपने राक्षसों से आगे निकल जाता है।
उनके उद्यम ने इस तरह की शानदार सफलता हासिल की कि वे इस प्रणाली को हरा देने का एक तरीका ढूंढ गए और जल्द ही अपने व्यवसाय में निर्विवाद राजा बन गए, जो सभी गलत कामों को सही तरीके से करके जल्दी पैसा कमाने के अपने सपने को साकार कर रहे थे
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